भारत के तुर्किये व अजरबैजान से कारोबारी रिश्तों में तनाव की आशंका

इन देशों ने पाक में आतंकियों के ठिकानों पर हमलों को लेकर भारत के प्रति जताई थी नाराजगी और किया था पाकिस्तान का समर्थन

नई दिल्ली । भारत के तुर्किये और अजरवैजान के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है, क्योंकि इन दोनों देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और वहां आतंकी ठिकानों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा की है। पाकिस्तान को उनके समर्थन के वाद, पूरे देश में तुर्किये के सामान और पर्यटन का वहिष्कार करने की मांग उठ रही है। इसके अलावा, ईज़माईट्रिप और इक्सिगो जैसे ऑनलाइन यात्रा मंच ने इन देशों की यात्रा के खिलाफ परामर्श जारी किया है।

वास्तव में, भारतीय कारोवारियों ने भी तुर्किये के सेव और संगमरमर जैसे उत्पादों का वहिष्कार करना शुरू कर दिया है। संघर्ष के दौरान, पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के अपने असफल प्रयास में तुर्किये के ड्रोन का इस्तेमाल किया था। तुर्किये और अजरवैजान, दोनों देशों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले की आलोचना की है।

भारत का तुर्किये को निर्यात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान 5.2 अरब डॉलर रहा, जवकि 2023-24 में यह 6.65 अरव डॉलर था। यह भारत के कुल 437 अरब डॉलर के निर्यात का सिर्फ 1.5 प्रतिशत है। वहीं, भारत का अजरवैजान को निर्यात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान मात्र 8.60 करोड़ डॉलर रहा, जवकि 2023-24 में यह 8.९६ करोड़ डॉलर था। यह भारत के कुल निर्यात का 2024 से फरवरी, 2025 तक 19.3 करोड़ मात्र 0.02 प्रतिशत है।
तुर्किये से भारत का आयात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान 2.84 अरव डॉलर था, जबकि 2023-24 में यह 3.78 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 720 अरब डॉलर के आयात का सिर्फ 0.5 प्रतिशत है।

भारत में अजरवैजान से आयात अप्रैल, 2023-24 7.4 लाख डॉलर यानी भारत के कुल आयात का मात्र 0.0002 प्रतिशत था। भारत का दोनों देशों के साथ व्यापार अधिशेष है। भारत द्वारा तुर्किये को खनीज ईंधन और तेल (2023-24 में 96 करोड़ डॉलर); विद्युत मशीनरी और उपकरण; वाहन और उसके कलपुर्जे, कार्विनक रसायन; फार्मी उत्पाद; टैनिंग और रंगाई की वस्तुएं, प्लास्टिक, रवड़, कपास, मानव निर्मित फाइवर, लोहा और इस्पात का निर्यात किया जाता है।

वहीं, तुर्किये से भारत विभिन्न प्रकार के मार्वल (ब्लॉक और स्लैव); ताजा सेव (लगभग एक करोड़ डॉलर), सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट, खनिज तेल (2023- 24 में 1.81 अरव डॉलर), रसायन, प्राकृतिक या संवर्धित मोती, लोहा और इस्पात का आयात करता है। दोनों देशों के वीच साल 1973 में एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके बाद 1983 में आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर भारत- तुर्की संयुक्त आयोग की स्थापना पर एक समझौता हुआ।

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